SUSAMACHAR KENDRE Hindi Mis,MISSIONARY BIOGRAPHY आर्थर स्टेस Arthur Stace

आर्थर स्टेस Arthur Stace

जन्म 09.02.1885
मृत्यू : 30.07.1967
मूल स्थान : रेडफ़र्न, ऑस्ट्रेलिया
दर्शन : ऑस्ट्रेलिया
आर्थर मैल्कम स्टेस (मिस्टर इटरनिटी) का जन्म सिडनी की एक झुग्गी बस्ती में हुआ था। वह एक उपेक्षित बच्चा था और शराबी माता-पिता के हाथों पीड़ित था। वह अपनी कम उम्र से ही पेट भरने के लिए एक छोटा चोर बन गया, और दूध, रोटी जैसी चीजें चुरा लेता था। कोई शिक्षा नहीं होने का कारण वह मुश्किल से अपना नाम लिख पाता था। अपने 20 के दशक तक, वह बड़ा पियक्कर बन गया कोशिश करने पर भी वह शराब पीना नहीं छोड़ सका। उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वे ऑस्ट्रेलियाई सेना में भर्ती हुए, लेकिन बाद में शारीरिक दुर्बलता के कारण उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। फिर ऑस्ट्रेलिया लौटने के बाद वह शराब पीने की अपनी पुरानी आदत में पड़ गए।
इस समय के दौरान 1930 में, एक इवेंजेलिकल एंग्लिकन चर्च ने उपदेश सुनने वालों के लिए मुफ्त भोजन की घोषणा की। स्टेस जो भूखा, निराश और हताश था, खाना खाने के लिए उस सभा में भागिदार हुआ। उस सभा में बताई जा रही उद्धार का संदेश सुनकर उनका हृदय बदल गया। वह तुरंत बाहर गया और चिल्लाया, “प्रभु, मुझ पापी पर दया करो। ” उस दिन से लेकर अपने शेष जीवन में, वह परमेश्वर की उद्धार देने वाली शक्ति के लिए एक जीवित गवाही जिया ।
दो साल बाद, उन्होंने एक सभा में भाग लिया जहाँ एक प्रचारक प्रचार करते हुए एक प्रश्न पूछा, “आप अनंत काल ( ETERNITY) कहाँ बिताने जा रहे हैं?” तुरंत, ‘ईटरनिटी’ (ETERNITY: अनंत काल) शब्द ने उनका ध्यान खींचा। हालाँकि वे मुश्किल से अपना नाम लिख पाते थे, उस मुलाकात के बाद उन्होंने फुटपाथों, फाटकों, रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वारों और जहाँ भी संभव हो, केवल एक शब्द ‘ईटरनिटी’ लिखना शुरू किया। उनके एक शब्द के संदेश ने लोगों को उनके शाश्वत गंतव्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। अपने जीवन के अगले 35 वर्षों के लिए, स्टेस सुबह जल्दी उठकर अलग-अलग जगहों पर दिन में कम से कम 50 बार ‘ईटरनिटी’ शब्द लिखते थे।
सड़क पर प्रचार करने की स्टेस की अनूठी पद्धति ने परमेश्वर के लिए कई आत्माओं को जीत लिया। कभी-कभी ऐसा लिखने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। वह लोगों को चौराहे पर इकट्टा करके परमेश्वर के वचन के बारे में वह जो कुछ भी जानता थे उसे वे साझा करते थे। सिडनी में अभी भी कुछ ऐसे स्थान हैं जहाँ उनके द्वारा लिखा गया शब्द ‘ईटरनिटी’ दिखाई पड़ता है और वह शब्द अभी भी लोगों को उनके अपरिहार्य अनंत काल की याद दिलाता है।

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